
बप्पी लहरी
बप्पी लहरी एक भारतीय गायक, संगीतकार और रिकॉर्ड निर्माता थे। उन्होंने ही भारतीय सिनेमा में संश्लेषित डिस्को संगीत के उपयोग को लोकप्रिय बनाया था। बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री और पूरे देश को डिस्को गीत से रूबरू कराने वाले बप्पी दा ही एक मात्र वो गायक थे।
नाम : आलोकेश लहरी
पूरा नाम : आलोकेश अपरेश लहरी
प्रशिद्ध नाम : बप्पी लहरी
वैवाहिक स्थिति : विवाहित
पत्नी का नाम : चित्रानी लहरी
बच्चे : रेमा लहरी, बप्पा लहरी
माता – पिता : बांसुरी लहरी, अपरेश लहरी
जन्म तिथि : 27 नवंबर 1952
जन्म स्थान : कोलकाता, पश्चिम बंगाल (भारत)
मृत्यु तिथि : 15 फरवरी 2022
मृत्यु स्थान : मुंबई, महाराष्ट्र (भारत)
स्कूल : चेतला बॉयज स्कूल
व्यवसाय : गायक, संगीतकार, रिकॉर्ड निर्माता
पुरस्कार : मिर्ची म्यूजिक अवार्ड – बेस्ट आइटम सांग ऑफ द ईयर “ऊह ला ला” (द डर्टी पिक्चर मूवी) (2012), लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2018)
विषयसूची | Table of Contents
- बप्पी लहरी की जीवनी | Bappi Lahiri life story
- बप्पी लहरी शिक्षा | Bappi Lahiri education
- बप्पी लहरी करियर | Bappi Lahiri career
- बप्पी लहरी सम्मान और पुरस्कार | Bappi Lahiri Honors and Awards
- बप्पी लहरी के बारे में रोचक तथ्य | Interesting facts about Bappi Lahiri
- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Frequently asked questions
बप्पी लहरी का जन्म 27 नवंबर 1952 को कोलकाता में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बप्पी दा के माता-पिता अपरेश लाहिरी और बंसुरी लाहिरी दोनों ही शास्त्रीय संगीत में बंगाली गायक और संगीतकार थे।
पूत के पाव पालने में ही दिख जाते है और संगीत का हुनर तो उनके खून में था ही। बप्पी लाहिरी ने मात्र तीन साल की उम्र में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था। शुरुआत के कुछ समय में, उन्हें उनके माता-पिता ने ही प्रशिक्षित किया था।
लीजेंडरी गायक किशोर कुमार बप्पी लहरी के रिश्तेदारी में मामा लगते थे। बचपन में बप्पी दा ने अपने संगीत को सुधारने और बेहतरीन बनाने के लिए उनसे संगीत की बहुत बारीकियां सीखा करते थे।
बचपन से ही, उन्होंने अमेरिकी संगीतकार एल्विस प्रेस्ली को अपना मूर्तिमान माना और एल्विस के गायिकी के अंदाज़ ने ही बप्पी दा को गायिकी की ओर आकर्षित और बहुत ज्यादा प्रेरित किया था। बप्पी दा को आभूषण पहनने के लिए भी एल्विस ने ही प्रेरित किया था।

बप्पी लाहिरी का 15 फरवरी 2022 को 69 वर्ष की आयु में मुंबई में ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बीमारी के कारण फेफड़ों में संक्रमण होने से निधन हो गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत समस्त राजनेताओं, फ़िल्मी सितारों, खेल जगत, संगीत जगत और पूरे देश ने बप्पी लहरी के प्रति गहरी और श्रद्धांजलि के साथ संवेदना व्यक्त की थी।
बप्पी लहरी शिक्षा | Bappi Lahiri education
बप्पी लहरी ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने ही शहर कोलकाता के चेतला बॉयज हाई स्कूल से की थी। बप्पी दा ने अपनी कॉलेज की पढ़ाई भी अपने ही शहर से पूरी की थी।
बप्पी लहरी करियर | Bappi Lahiri career
बप्पी दा अगर न होते तो भारत को डिस्को गीत कभी भी नहीं मिलता, जी हाँ भारतीय सिनेमा को डिस्को गीत से रूबरू कराने वाले एक मात्र वो बप्पी दा ही थे। हालांकि बप्पी दा को सिर्फ डिस्को-शैली के गीतों के लिए ही जाना जाता था, यद्यपि उनके अधिकांश गीत डिस्को और नृत्य संख्या के लिए ही लिखे जाते थे, फिर भी चलते चलते और ज़ख्मी जैसी फिल्मों की सूची में उनके कई मधुर गीत भी शामिल हैं।
बप्पी दा भी लाखों की तरह 19 साल की उम्र में सपनो की नगरी मुंबई पहुँच गए। उन्हें अपना पहला मौका पश्चिम बंगाल के एक सिनेमा, 1974 की एक फिल्म दादू में मिला, जहाँ उन्होंने लता मंगेशकर के लिए अपनी रचना गायी थी। पहली हिंदी फिल्म जिसके लिए उन्होंने संगीत दिया था, वो थी 1973 में आयी फिल्म नन्हा शिकारी और उनकी पहली हिंदी रचना मुकेश द्वारा गाया हुआ गीत तू ही मेरा चंदा थी।

1970, 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में नया कदम, आंगन की कली, वर्दत, डिस्को डांसर, हाथकड़ी, नमक हलाल, मास्टरजी, डांस डांस, हिम्मतवाला, जस्टिस चौधरी, तोहफा, मकसाद, कमांडो, नौकर बीवी का, अधिकार और शराबी। जैसी फ़िल्में अपनी कहानियों से ज्यादा बप्पी दा द्वारा रचित फिल्म के साउंडट्रैक की वजह से ज्यादा लोकप्रिय हुई थी।
बप्पी दा के करियर का महत्वपूर्ण मोड़ 1975 में आयी ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म ज़ख्मी थी, जिसके लिए उन्होंने एक पार्श्व गायक के रूप में अपना पहला गीत गाया था और इसी फिल्म के लिए उन्होंने किशोर कुमार और मोहम्मद रफी जैसे दिग्गजों के साथ “नथिंग इज़ इम्पॉसिबल” नामक युगल गीत की रचना भी की थी।
बप्पी दा की रचनाएँ आओ तुम्हें चाँद, जलता है जिया मेरा, अभी अभी थी दुश्मनी जैसे संगीत जोकि किशोर दा, आशा भोंसले और लता मंगेशकर के साथ एक ही फिल्म से लोकप्रिय हुए और बप्पी दा को इन जोड़ियों का साथ पाकर एक पहचान मिली।

1976 में फिल्म चलते चलते के सभी गाने हिट हो गए और इस प्रकार उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक संगीत निर्देशक के रूप में पहचान मिली। उन्होंने गीत जाना कहाँ है, सुलक्षणा पंडित के साथ युगल में गाया जिससे उन्हें एक गायक के रूप में पहचान मिली।
उन्होंने 80 के दशक में नया कदम, मास्टरजी, आज का एमएलए, राम अवतार, बेवफाई, मकसद, सुराग, इंसाफ मैं करूंगा और अधिकार जैसी हिट फिल्मों में आशा भोसले या लता मंगेशकर के साथ युगल गीत के रूप में किशोर कुमार द्वारा गाए गए मधुर गीतों की रचना की।
हिम्मतवाला फिल्म की सफलता के बाद, बप्पी ने किशोर कुमार द्वारा जस्टिस चौधरी, जानी दोस्त, मवाली, हैसियत, तोहफा, बलिदान, कैदी, होशियार, सिंहासन, सुहागन, मजाल, तमाशा, सोने पे सुहागा और धर्म अधिकारी जैसी फिल्मों के लिए किशोर कुमार द्वारा गाए गए युगल गीतों की रचना की।
यही नहीं बप्पी लहरी ने 1983-1985 की अवधि में मुख्य नायक के रूप में जितेंद्र अभिनीत 12 सुपर-हिट सिल्वर जुबली फिल्मों के लिए रचना करके एक रिकॉर्ड बना दिया और उन्होंने 1986 में 33 फिल्मों के लिए 180 से अधिक गाने रिकॉर्ड करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रवेश किया।

बप्पी लहरी का गीत “थोड़ा रेशम लगता है” के कुछ हिस्सों को अमेरिकी आर एंड बी गायक ट्रुथ हर्ट्स द्वारा 2002 के गीत “एडिक्टिव” में शामिल किया गया था। कॉपीराइट धारक सारेगामा इंडिया लिमिटेड ने इंटरस्कोप रिकॉर्ड्स और उसकी मूल कंपनी, यूनिवर्सल म्यूजिक ग्रुप पर $500 मिलियन से अधिक का मुकदमा दायर किया। लॉस एंजिल्स के एक संघीय न्यायाधीश ने बाद में सीडी की बिक्री पर तब तक रोक लगा दी जब तक कि गाने के क्रेडिट में बप्पी लहरी को सूचीबद्ध नहीं कर दिया गया।
2016 के अंत में, बप्पी दा ने डिज्नी की 3डी कंप्यूटर-एनिमेटेड फैंटसी एडवेंचर फिल्म मोआना के हिंदी-डब संस्करण में तमातोआ के चरित्र को भी आवाज दी थी और उन्होंने शाइनी के हिंदी संस्करण शोना की भी रचना की थी।
अपने लोकप्रिय डिस्को इलेक्ट्रॉनिक संगीत के अलावा, बप्पी लहरी अपनी स्टाइलिश शैली और अपने सिग्नेचर लुक के लिए भी जाने जाते थे जिसमें सोने की चेन, सुनहरे अलंकरण, मखमली कार्डिगन और धूप के चश्मे शामिल थे। बप्पी दा को 63वें फिल्मफेयर अवार्ड्स में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित भी किया गया।
31 जनवरी 2014 को भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उपस्थिति में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए शामिल हुए। उन्हें श्रीरामपुर से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन बदकिस्मत बप्पी दा वहां के उम्मीदवार कल्याण बनर्जी से हार गए।

बप्पी लहरी सम्मान और पुरस्कार सूची | Bappi Lahiri Honors and Awards list
बप्पी लहरी को पाँच फिल्मफेयर अवार्ड्स में नामांकित किया जा चूका है जिसमे से एक वो जीते भी थे और इसके साथ ही फिल्मफेयर अवार्ड्स की तरफ से उनको 2018 में लाइफटाइम अचीवमेंट्स अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया था जोकि सबसे ऊँचा दर्जे का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला है। अन्य उल्लेखनीय पुरस्कार जो बप्पी लहरी को दिए गए हैं उनकी सूची ये रही आपके समक्ष

वर्ष | अवार्ड | फ़िल्म | कैटेगरी | रिजल्ट |
1982 | फिल्मफेयर अवार्ड | अरमान | बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर | नॉमिनेटेड |
1982 | फिल्मफेयर अवार्ड | नमक हलाल | बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर | नॉमिनेटेड |
1984 | फिल्मफेयर अवार्ड | शराबी | बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर | वोन |
1985 | फिल्मफेयर अवार्ड | कसम पैदा करने वाले की | बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर | नॉमिनेटेड |
1985 | फिल्मफेयर अवार्ड | तोहफा | बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर | नॉमिनेटेड |
1991 | फिल्मफेयर अवार्ड | आज का अर्जुन | बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर | नॉमिनेटेड |
2012 | मिर्ची म्यूजिक अवार्ड्स | डर्टी पिक्चर | बेस्ट आइटम सॉन्ग ऑफ द ईयर | वोन |
बप्पी लहरी के बारे में रोचक तथ्य | Interesting facts about Bappi Lahiri
10 ऐसे कुछ अज्ञात और रोचक तथ्य बप्पी लहरी के बारे में जो शायद आप नहीं जानते होंगे। आइए आपको कुछ ऐसे ही तथ्य बताते है :
- डिस्को ट्रैक जिंदगी मेरी डांस डांस को बब्बर सुभाष की फिल्म डांस डांस से बाहर कर दिया गया था, हालांकि उस समय विनाइल एल्बम रिलीज में इसे प्रदर्शित किया गया था। अहलूवालिया की 2017 की गैंगस्टर फिल्म डैडी में अर्जुन रामपाल अभिनीत गीत को पुन: रिलीज़ किया गया और यह गीत एक बड़ा हिट साबित हुआ, और उस वर्ष के शीर्ष ट्रैक में से एक था।
- बप्पी लहरी ने गाने के साथ – साथ तीन हिंदी फ़िल्में – 1974 में बढ़ती का नाम दाढ़ी, 2009 में मी एंड मिसेज खन्ना, और 2012 में इट्स रॉकिंग: दर्द-ए-डिस्को जैसी फिल्मों में एक्टिंग भी की थी।
- 2017 में आयी हॉलीवुड फिल्म किंग्समैन: द गोल्डन सर्किल में एक्टर एल्टन जॉन के लिए हिंदी में डबिंग भी की थी।
- 2016 में आयी एनिमेटेड हॉलीवुड फिल्म मोना में करैक्टर तमातोआ के लिए भी उन्होंने हिंदी में डबिंग की थी।
- बप्पी दा ने हिंदी के अलावा भी तमिल, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली और गुजराती फिल्मों में भी कई हिट गाने दिए थे।
- 31 जनवरी 2014 को भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उपस्थिति में 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए शामिल हुए। उन्हें श्रीरामपुर से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन बदकिस्मत बप्पी दा वहां के उम्मीदवार कल्याण बनर्जी से हार गए।
- बचपन से ही, उन्होंने अमेरिकी संगीतकार एल्विस प्रेस्ली को अपना मूर्तिमान माना और एल्विस के गायिकी के अंदाज़ ने ही बप्पी दा को गायिकी की ओर आकर्षित और बहुत ज्यादा प्रेरित किया था। बप्पी दा को आभूषण पहनने के लिए भी एल्विस ने ही प्रेरित किया था।
- बप्पी लहरी ने मात्र तीन साल की उम्र में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था। शुरुआत के कुछ समय में, उन्हें उनके माता-पिता ने ही प्रशिक्षित किया था।
- शायद ही कुछ लोगों को पता होगा कि बप्पी लहरी का असली नाम अलोकेश लेहरी था।
- बप्पी लहरी की खुद के नाम से एक वेबसाइट भी है जिसका नाम bappilahiri.com है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Frequently asked questions
बप्पी दा ने मुंबई के क्रिटिकेयर हॉस्पिटल में अपनी अंतिम सांसे लीं। बप्पी दा पिछले कुछ दिनों से बीमारी चल रहे थे, अस्पताल के डॉक्टर्स के अनुसार उन्हें पिछले एक साल से ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) और चेस्ट इन्फेक्शन की समस्या थी और यही बीमारी उनकी मौत की वजह बनी।
बप्पी दा की सालाना इनकम 2.2 करोड़ रुपये थी। पोर्टल के अनुसार, उनका नेटवर्थ 3 मिलियन डॉलर यानी करीब 22 करोड़ रुपये थी।
बप्पी लहरी का असली नाम आलोकेश लहरी है।
उन्होंने बताया था कि एक हॉलीवुड आर्टिस्ट की वजह से उन्होंने सोना पहनना शुरू किया था। बप्पी लहरी ने कहा था, मैं हॉलीवुड सिंगर एल्विस प्रेस्ली को काफी पसंद करता था। मैंने देखा था कि वह हमेशा एक सोने की चेन गले में पहना करते थे।
बप्पी लहरी की उम्र 69 थी, जब उनकी मौत हुई।
संगीतकार बप्पी लहरी रिश्ते में किशोर कुमार के भांजे थे, दोनों के बीच काफी प्यार था और इस खून के रिश्ते से ज्यादा दोनों के बीच गुरु-शिष्य वाला रिश्ता था। गुरु-शिष्य, तो कभी दोस्त-यार और कभी मामा-भांजा वाली इस जोड़ी ने बॉलीवुड को कई यादगार गाने दिए हैं।
बॉलीवुड लाइफ की रिपोर्ट के अनुसार, दिग्गज गायक के पास 754 ग्राम सोना और 4.62 किलोग्राम चांदी थी। 2014 में दिए चुनावी हलफनामे में उनकी सोने की संपत्ति का खुलासा हुआ था।
बप्पी लहरी के बेटे बप्पा लाहिरी अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए भारत पहुंचे। बप्पी लहरी के आकस्मिक निधन ने सभी को सदमे में डाल दिया। 69 वर्षीय ने 15 फरवरी की रात मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
गायक-संगीतकार बप्पी लहरी, जिनका 69 वर्ष की आयु में मंगलवार को निधन हो गया, उनके परिवार में पत्नी चित्रानी और उनके दो बच्चे, बप्पा और रेमा लहरी हैं।
बप्पी लहरी का जन्म जलपाईगुरी, पश्चिम बंगाल में हुआ था।